नई दिल्ली. अयोध्या मामले में 17 नवंबर से पहले कभी भी सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने की संभावना है। जिसे देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंत्री परिषदों के साथ बैठक की। मोदी ने अपने सभी मंत्रियों को सख्त आदेश दिया है कि वे इस मामले में गैरजरूरी या विवादास्पद बयान न दें। मोदी ने कहा है कि वे अपने संसदीय क्षेत्र में जाएं और लोगों शांति बनाए रखने की अपील करें।
राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (आरएसएस) ने तय किया है कि वह अयोध्या फैसले से पहले विपक्षी पार्टी लेफ्ट, तृणमूल, समाजवादी पार्टी और राजद समेत अन्य पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से बात करेगा। संघ उन मुस्लिम नेताओं से भी मुलाकात करेगा, जो जनता द्वारा चुने गए हैं। इससे पहले संघ और भाजपा नेताओं ने मंगलवार को भी कई मुस्लिम नेताओं से मुलाकात की थी।
‘फैसले को धर्म से नहीं जोड़ना चाहिए’
आरएसएस के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने कहा कि अयोध्या में 400-500 साल पुराना विवाद अब निपटने में कुछ ही दिन और घंटे बाकी हैं। जो भी फैसला आएगा, वह किसी की न तो जीत होगी और न ही किसी की हार होगी। इसे धर्म से भी जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए।
मन की बात में भी मोदी ने अयोध्या केस का जिक्र किया था
मोदी ने 27 अक्टूबर को रेडियो कार्यक्रम मन की बात में भी अयोध्या मसले का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि अयोध्या मसले पर 2010 में तनाव पैदा करने की कोशिश की गई थी, लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद देश का मूड बदल गया। स्थिति सामान्य करने में राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों ने भी अहम भूमिका निभाई।
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