वॉशिंगटन. आतंकी संगठनइस्लामिक स्टेट (आईएस) ने पिछले साल भारत परहमले की योजना बनाई थी। अमेरिका के राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक केंद्र के कार्यवाहक निदेशक रसेल ट्रेवर्स ने मंगलवार को सीनेट में संसदीय कमेटी के सामनेयह खुलासा किया। ट्रेवर्स ने बताया कि आईएस के दक्षिण एशिया में सक्रियसमूह आईएसआईएस-के (खोरासान ग्रुप)पिछले साल भारत में आत्मघाती हमले करना चाहता था। हालांकि, उसकी योजना विफल रही।
ट्रैवर्स ने भारतीय मूल की सीनेटर मैगी हसन के एक सवाल के जवाब में ये बात कही। उन्होंने कहा कि वास्तव में आईएस-के समेतआईएस की सभी शाखाएं औरसंगठन अमेरिका के लिए सबसे ज्यादा चिंता का विषय है।आईएस-के ने अफगानिस्तान के बाहर भी हमला करने का प्रयास किया है। पिछले हफ्ते ट्रैवर्स ने कहा था कि वैश्विक रूप से आईएस की 20 से अधिक शाखाएं हैं, इनमें से कुछ अपने अभियान के लिए ड्रोन जैसी तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं।
‘स्टॉकहोम में हो चुका है आईएस-के का हमला’
मैगी ने संसद में कहा कि सीरिया और इराक में आईएस के खिलाफ अमेरिका की जीत के बावजूद आतंकी संगठन देश के लिए खतरा बना हुआ है। इस पर ट्रैवर्स ने कहा कि आईएस-के ने 2017 में स्टॉकहोम में हमला किया था। इसमें 5 लोग मारे गए थे। संगठन नेकुछ साल पहले न्यूयॉर्क परभी हमले की कोशिश की थी, लेकिन एफबीआई ने उसे नाकाम कर दिया था।
9/11 की तुलना में अब कहीं ज्यादा कट्टरपंथी: ट्रैवर्स
ट्रैवर्स ने कहा कि 9/11 हमले के 18 साल बाद भी हम हिंसक चरमपंथी खतरे का सामना कर रहे हैं। आईएस-केका बड़ा नेटवर्क है। इसमें हजारों लोग शामिल हैं और यह दुनियाभर में फैले हुए हैं। हमें उन लोगों से खतरा है जो इराक और सीरिया से भागे हुए हैं। 9/11 के समय की तुलना में अब कहीं ज्यादा कट्टरपंथी हैं।अल-कायदा अफगानिस्तान और पाकिस्तान में सक्रिय हक्कानी नेटवर्क और अन्य आतंकी नेटवर्क से लंबे समय से जुड़ा रहा है। ये अक्सर अमेरिकी कर्मियों को निशाना बनाते हैं।
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